ढोल - दमौ , हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा रहा है , जो कि अब इस आधुनिकता के दौर में लुप्त होने की कगार पर है ॥
यह वीडियो भारत के उत्तरी छोर के आखरी गाँव इराणी (चमोली जिला) का है जहाँ
आज भी अपनी संस्कृति का पूरा बोल बाला है , इस वीडियो में आपको ढोल के
पूरे ताल सुनाई देंगे , जो कि अब सामान्यत: देखने को नहीं मिलते । यह
वीडियो मोबाइल से ली गयी है ।
आशा है आपको यह कोशिश पसंद आएगी ।
- देव नेगी
नमस्कार मित्रो ! "अपना उत्तराखंण्ड" के इस छोटी सी दुनियाँ आप सभी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करता हूँ! मै चाहता हूँ कि हमारे उत्तराखण्ड की लोकसंस्कृ्ति, कला, परम्परा, रीति रिवाज, रहन-सहन, प्राकृ्तिक सुन्दरता एवं तीर्थ स्थलों के बारे में सब अवगत हो, इस ब्लोग के माध्यम से मेरी एक छोटी सी कोशिश रहेगी कि मैं उन सभी छुपे हुए पहलुओ को दुनियाँ के सामने ला सकूँ और अपने उत्तराखण्ड को विश्वपटल के शीर्ष पर विराजमान कर सकूँ! . . *देव नेगी